Head Coach Rahul Dravid Statement : भारतीय क्रिकेट टीम को अपनी मेजबानी में वनडे World Cup 2023 खेलना है। करोड़ों क्रिकेट फैंस को भारतीय क्रिकेट टीम से उम्मीदें हैं कि Rohit Sharma के नेतृत्व में 10 साल पश्चात आईसीसी ट्रॉफी जीतने में कामयाबी मिलेगी। टीम में कई दिग्गज क्रिकेटर हैं, लेकिन आखिरकार Rohit Sharma और Virat Kohli जैसे धुरंधर बॉलिंग क्यों नहीं करते। इस सवाल पर भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने रिएक्ट किया है।
सीनियर क्रिकेटर पहले करते थे बॉलिंग
भारतीय क्रिकेट टीम का ‘थिंक टैंक’ हाल के वर्षों में और अधिक ऑलराउंडर्स को खिलाने पर जोर दे रहा है जिसका लेना-देना टॉप ऑर्डर की मौजूदा पीढ़ी का बॉलिंग नहीं करना है। बीते समय में उनके सीनियर क्रिकेटर ऐसा करते थे। भारतीय क्रिकेट टीम की Axar Patel या वॉशिंगटन सुंदर को मैदान पर उतारने की बेताबी 2 चीजों पर आधारित है कि बल्लेबाज इतनी बॉलिंग नहीं कर रहे हैं और निचले क्रम के बल्लेबाज बैट से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।
तो क्या बदलाव हुआ है?
टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी टीम में खासतौर से Virat Kohli, Rohit Sharma, Shreyas Iyer और Suryakumar Yadav के बचाव में कहा, ‘मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने की वजह से हो सकता है। अचानक से ही आप सर्कल के अंदर 4 से 5 फील्डर्स को रखने लगे। मुझे लगता है कि इससे कामचलाऊ बॉलर की मिडिल ओवर्स में बॉलिंग करने की काबिलियत में तेजी से बदलाव हुआ है।’
Suryakumar Yadav के एक्शन पर मचा था बवाल
Suryakumar Yadav को कुछ वर्ष पहले मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध बॉलिंग एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके पश्चात उन्होंने कभी बॉलिंग नहीं की। Suryakumar Yadav से पहले शिखर धवन कभी-कभार ऑफ स्पिन करते थे लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें संदिग्ध एक्शन के लिए बुलाया गया। फिर उन्होंने भी बॉलिंग बिलकुल बंद कर दी।
सचिन और गांगुली ने खूब दिखाया दम
अगर बीते समय की बात की जाए तो महान सचिन तेंदुलकर इनस्विंगर, आउटस्विंगर, लेग ब्रेक,और ऑफ-ब्रेक बॉलिंग किया करते थे जिससे उन्होंने 154 विकेट वनडे फॉर्मेट में झटके। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके हैं जबकि युवराज सिंह की बॉलिंग ने भारतीय क्रिकेट टीम को 2011 World Cup जिताने में अहम भूमिका अदा की। युवी ने कुल 111 विकेट हासिल किए हैं। ये सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज टॉप-5 में बैटिंग थे। वीरेंद्र सहवाग ने 96 और सुरेश रैना ने 36 विकेट हासिल किए है।
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द्रविड़ ने इसे ठहराया जिम्मेदार
अपने जमाने के दिग्गज राहुल द्रविड़ ने आगे कहा, ‘अगर आप याद करो और इन नामों (सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना) की बॉलिंग का जिक्र इस दौर में करो तो इनमें से अधिकतर प्लेयर्स ने तब बॉलिंग शुरु की जब सर्कल में केवल 4 फील्डर होते थे। ऐसी परिस्थिति (सर्कल के अंदर 5 फील्डर) में आप कामचलाऊ बॉलर गंवा सकते हो और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया। आप ध्यान दो तो अन्य टीमों में भी कामचलाऊ बॉलबाजों की संख्या में कमी आई। ये केवल भारतीय क्रिकेट टीम के साथ ही नहीं हुआ है।’